REITs अब शेयरों से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स माने जाएंगे, सेबी का फैसला 1 जनवरी से होगा लागू – sebi reclassifies reits as equity related instruments this change will come into force froms 1st of january



रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (आरईआईटी) अब इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स माने जाएंगे। सेबी ने आरईआईटी के क्लासिफिकेशन में बदलाव कर दिया है। रेगुलेटर का यह फैसला 1 जनवरी, 2026 से लागू होगा। इससे आरईआईटी में म्यूचुअल फंड्स और स्पेशियलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड्स (एसआईएफ) का निवेश बढ़ेगा। हालांकि, इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट्स ट्रस्ट्स (इनविट्स) हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट्स की कैटेगरी में बने रहेंगे।

सेबी ने 28 नवंबर को जारी किया सर्कुलर

SEBI ने REITs की कैटेगरी में बदलाव से जुड़ा एक सर्कुलर 28 नवंबर को जारी किया। इसमें कहा गया है, “1 जनवरी, 2026 से REITS में म्यूचुअल फंड्स और SIF की तरफ से होने वाले किसी निवेश को इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में इनवेस्टमेंट माना जाएगा।” सेबी ने 31 दिसंबर, 2025 तक म्यूचुअल फंड्स की डेट स्कीम और एसआईएफ स्ट्रेटेजी की REIT में होल्डिंग को ग्रैंडफादरिंग की इजाजत दे दी है। हालांकि, फंड हाउसेज को मार्केट की स्थितियों और इनवेस्टर की दिलचस्पी के आधार पर धीरे-धीरे इस निवेश को निकालने को कहा गया है।

म्यूचुअल फंडों को अपने डेट पोर्टफोलियो से हटाना होगा

सेबी के सर्कुलर में कहा गया है, “एएमसी को अपनी डेट स्कीम से संबंधित पोर्टफोलियो REITs को हटाने की कोशिश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। वे बाजार की स्थितियों, लिक्विडिटी और इनवेस्टर्स की दिलचस्पी को देखते हुए ऐसा कर सकते हैं।” AMFI को REITs को अपने मार्केट-कैप-आधारित स्क्रिप क्लासिफिकेशन फ्रेमवर्क में शामिल करने का निर्देश दिया गया है।

जुलाई से REITs शेयर सूचकांकों में शामिल किए जा सकेंगे

एसेट मैनेजमेंट कंपनियों को स्कीम के डॉक्युमेंट्स में बदलाव कर उसकी जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। सेबी ने यह स्पष्ट किया है कि इन बदलावों को फंडामेंटल एट्रिब्यूट चेंजेज नहीं माना जाएगा। SEBI ने यह भी कहा है कि छह महीने के ट्रांजिशन विंडो बीत जाने पर 1 जुलाई, 2026 के बाद REITs को शेयरों के सूचकांकों में शामिल किया जाएगा।

InvITs हाइब्रिड कैटेगरी में बने रहेंगे 

सेबी के बोर्ड ने सितंबर में REITs को ‘इक्विटी’ के रूप में क्लासिफाय करने और InvITs के ‘हाइब्रिड’ क्लासिफिकेशन बनाए रखने के लिए सेबी (म्यूचुअल फंड्स) रेगुलेशंस, 1996 में संसोधन के प्रस्ताव को एप्रूव कर दिया था। इससे REITs में म्यूचुअल फंड्स और स्पेशियलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड्स के निवेश का रास्ता साफ हो गया है।

REITs में बढ़ेगा म्यूचुअल फंडों का निवेश

सेबी के नोट में तब कहा गया था कि REITs का क्लासिफिकेशन बदलने के बाद म्यूचुअल फंड्स की तरफ से होने वाले निवेश को इक्विटी इंस्ट्रूमेंट्स के लिए इवेस्टमेंट ऐलोकेशन के तहत माना जाएगा। उसे शेयर सूचकांकों में शामिल करने की भी इजाजत दी जाएगी। इससे म्यूचुअल फंड्स की स्कीमों का निवेश REITs में बढ़ेगा।



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