SEBI चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने फाइनेंशियल अवेयरनेस बढ़ाने पर जोर दिया – sebi chairman tuhin kanta pandey says financial awareness is very important amongst ivestors



सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने रिटेल इनवेस्टर्स के बीच फाइनेंशियल अवेयरनेस बढ़ाने को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि गलत जानकारियों, फर्जी ऐप्स और ऑनलाइन सलाह के आधार पर परिवार निवेश के फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि रिटेल इनवेस्टर्स का पार्टिसिपेशन बढ़ने के साथ डिजिटल रिस्क भी बढ़ा है। ऐसे में फाइनेंशियल अवेयरनेस बहुत जरूरी है।

वायरल वीडियो के आधार पर लिए जा रहे निवेश के फैसले

तुहिन कांत पंडेय ने 27 नवंबर को कोयंबतूर में बीएसई के रीजनल सेमिनार को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज सही नॉलेज की जगह इनवेस्टमेंट के फैसले मैसेज, वायरल वीडिया और सोशल मीडिया रिकॉमेंडेशंस के आधार पर लिए जा रहे हैं। इसका असर परिवारों की सेविंग्स, उम्मीदों और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी पर पड़ सकता है।

फाइनेंशियल मार्केट्स का तेजी से हो रहा विस्तार

सेबी चेयरमैन ने कहा कि सिक्योरिटीज मार्केट का तेजी से विस्तार हुआ है। यूनिक इनवेस्टर्स की संख्या इस साल अक्तूबर में 13.6 करोड़ पहुंच गई। FY19 में यह 4 करोड़ से कम थी। एक दशक पहले म्यूचुअल फंड्स इनवेस्टर्स की संख्या 1 करोड़ थी, जो आज 5.6 करोड़ हो गई है। मंथली सिप 2016 में 3,000 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 29,000 करोड़ से ज्यादा हो गया है।

अवेयरनेस और एक्चुअल इनवेस्टिंग के बीच गैप

सेबी के इनवेस्टर्स सर्वे 2025 से अवेयरनेस और एक्चुअल इनवेस्टिंग के बीच बड़ा गैप दिखा है। इसके मुताबिक, 63 फीसदी परिवारों को मार्केट प्रोडक्ट्स के बारे में जानकारी है, लेकिन सिर्फ 9.5 फीसदी इनवेस्ट करते हैं। ग्रामीण इलाकों में तो निवेश करने वाले परिवारों की संख्या 6 फीसदी से भी कम है। पांडेय ने कहा कि सेबी के सर्वे से ऐसा लगता है कि फाइनेंशियल इनक्लूजन में सभी इलाके आने चाहिए और यह सामाजिक होना चाहिए।

गलत जानकारियां तेजी से फैल रही हैं

उन्होंने कहा कि सही जानकारियों के मुकाबले गलत जानकारियां तेजी से फैलती हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी ट्रेडिंग ऐप्स और अनरजिस्टर्ड एडवाइजर्स इनवेस्टर्स को अपना शिकार बना रहे हैं। सेबी ने बीते 18 महीनों में मेटा, गूगल, टेलीग्राम और एक्स से 1 लाख से ज्यादा गलत ऑनलाइन कंटेंट के मामलों की शिकायत की है। स्कैम पर अंकुश लगाने के लिए सेबी ने कई सेफ्टी फीचर्स शुरू किए हैं।

निवेश के फैसलों में जल्दबाजी ठीक नहीं 

सेबी चेयरमैन ने कहा कि निवेशकों को निवेश के फैसले लेने में जल्दबाजी नहीं करना चाहिए। किसी जानकारी पर भरोसा करने से पहले उसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अवेयरनेस से फाइनेंस से जुड़े फैसले भरोसे के साथ लेने में मदद मिलेगी।



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